Flour Test Kya Hota Hai | Floor Test Kya Hota Hai in Hindi ?
Flour Test Kya Hota Hai – फ्लौर टेस्ट एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसकी मदद से यह पता किया जाता है की हमारे देश की सरकार के लिए कौन विश्वासपात्र है. जिसमे candidate को अपने सामने वाली पार्टी से अधिक या कम बहुमत प्राप्त करने होते है. जिससे कन्फर्म हो सके, की जनता के लिए हित के लिए क्या सही है.
जैसा की आप सभी को पता ही है की देश को चलाने के लिए सरकार का होना बहुत जरुरी है. जिससे की वो हमारे देश की बागडोर को संभाल सके. ऐसे में कई बार सत्ता गलत हाथों में चली जाती है, जोकि देश का नहीं, बस खुद का भला देखते है. जिसके चलते इस फ्लौर टेस्ट को करवाया जाता है. जिससे की पता लग सके की कौन व्यक्ति विश्वासपात्र है.
अगर आपको भी Floor Test Kya Hota Hai in Hindi को लेकर किसी भी प्रकार की कोई जानकारी नहीं है तो ये पोस्ट खास आपके लिए है. जहाँ पर हम आपको फ्लौर टेस्ट क्या होता है और फ्लौर टेस्ट कौन करवाता है आदि के बारे में डिटेल्स के साथ बताएगें. इसलिए आप हमारे साथ इस पोस्ट में शुरू से लेकर अंत तक जरुर बने रहे, तो आते है सीधे मुद्दे पर और फ्लौर टेस्ट से जुड़े सभी सवाल बारीकी से जानते है.
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Flour Test Kya Hota Hai ?
फ्लौर टेस्ट एक ऐसी प्रकिया है, जिसका इस्तेमाल यह जानने के लिए किया जाता है की हमारे देश की सरकार विधायिका के लिए विश्वासपात्र है या नहीं. जिस कारन इस फ्लौर टेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है.
यदि हम इसको आसान शब्दों में कहे, तो इसका इस्तेमाल सरकार का गठबंधन करते समय किया जाता है, जिसमे अपने विपक्षी से अधिक बहुमत प्राप्त कर दुसरे दल से जितना होता है और आपको विश्वास दिलवाना होता है की आप जनता के हित के लिए एकदम सही है. जिसको हम आम भाषा में चुनाव भी कह सकते है.
फ्लौर टेस्ट कौन करवाता है ?
इस फ्लौर टेस्ट प्रक्रिया के लिए राज्यपाल सिर्फ आदेश देते है और उसके बाद वे इसमें किसी भी प्रकार से कोई भी हस्तक्षेप नहीं कर सकते है. क्युकी फ्लौर टेस्ट की जिम्मेदारी स्पीकर के पास होती है, जोकि इसकी बागडोर संभालता है. यदि किसी कारणवश स्पीकर नहीं है तो पहले एक प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है जोकि एक अस्थायी स्पीकर होता है जिससे की वो इस सदन के सदस्यों को शपथ दिला सके.
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फ्लौर टेस्ट करवाने की प्रक्रिया क्या होती है ?
राजनैतिक क्षेत्र में निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए ही फ्लौर टेस्ट करवाया जाता है. जिसके लिए राजपाल द्वारा आदेश दिया जाता है. जिसमे सुप्रीम कोर्ट की भी मंजूरी होती है और ये परमिशन दे दी जाती है की इस पुरे फ्लौर टेस्ट का नेतृत्व स्पीकर द्वारा ही किया जायेगा. यदि इस बिच किसी भी प्रकार की कोई भी हस्तक्षेप की जाती है, तो स्पीकर द्वारा उसको बर्खास्त भी किया जा सकता है.
इसके बाद वोटिंग प्रक्रिया शुरू होती है और फिर विधायकों की तरफ से ध्वनि मत लिया जाता है. यानि की वार्तालाप किया जाता है की कौन किसके पक्ष में है और क्यों. इसके बाद कोरम बेल बजती है और सदन में मौजूद सभी सदस्यों को पक्ष और विपक्ष में बटने को कहा जाता है. उसके बाद पक्ष – विपक्षों की गिनती की जाती है और उसके बाद ही स्पीकर अपना सही निर्णय सुनाता है.
निष्कर्ष – Flour Test Kya Hota Hai
हमे उम्मीद है की आपको Flour Test Kya Hota Hai और फ्लौर टेस्ट कौन करवाता है से जुड़ी जानकारी अच्छे से समझ आई होगी. अगर अभी भी आपके मन में किसी भी प्रकार का कोई भी सवाल हो तो आप हमे कमेंट्स में बता सकते हो. हम आपके सभी सवालों का जवाब देने में आपकी मदद करेगें.
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